छत्तीसगढ़राज्य

धरसींवा विधायक अनुज शर्मा की श्रावणी कांवड़ यात्रा: प्रदेश की सुख-समृद्धि के लिए संकल्प

धरसींवा विधानसभा

धरसींवा विधानसभा के विधायक अनुज शर्मा इस वर्ष सावन माह में भगवान भोलेनाथ के प्रति अपनी अटूट आस्था और छत्तीसगढ़ की जनता की खुशहाली व समृद्धि की कामना के साथ चरौदा शिव मंदिर से सोमनाथ मंदिर तक कांवड़ यात्रा करेंगे। यह यात्रा सनातन संस्कृति के संरक्षण और धार्मिक परंपराओं को अगली पीढ़ियों तक पहुंचाने के उनके संकल्प को दर्शाती है।

कांवड़ यात्रा का महत्व

हर वर्ष सावन माह में देशभर के लाखों शिवभक्त कठिन कांवड़ यात्रा कर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। छत्तीसगढ़ के धरसींवा विधानसभा क्षेत्र से भी हजारों श्रद्धालु सोमनाथ मंदिर में जल अर्पित करने के लिए इस पवित्र यात्रा में शामिल होते हैं। विधायक अनुज शर्मा का यह प्रयास न केवल उनकी शिवभक्ति को दर्शाता है, बल्कि जनसेवा और प्रदेश की सुख-समृद्धि के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है।

यात्रा का विवरण

  • दिनांक और समय: 3 अगस्त, रविवार, सुबह 7 बजे

  • स्थान: चरौदा शिव मंदिर से सोमनाथ मंदिर

  • जलाभिषेक: 4 अगस्त, सोमवार, सुबह 5 बजे, सोमनाथ मंदिर

  • आयोजन: यह विशाल कांवड़ यात्रा गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से निकलेगी। सभी शिवभक्तों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।

विधायक अनुज शर्मा का संदेश

अनुज शर्मा ने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि वे इस विशाल कांवड़ यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों। उन्होंने कहा, “यह यात्रा न केवल हमारी धार्मिक परंपराओं का सम्मान है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के लोगों की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए एक सामूहिक संकल्प है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनें।”

सनातन संस्कृति का संरक्षण

विधायक अनुज शर्मा का यह प्रयास सनातन संस्कृति के संरक्षण और धार्मिक परंपराओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह जनप्रतिनिधि के रूप में उनके कर्तव्यों के प्रति उनकी निष्ठा को भी दर्शाती है। यह पहल आने वाली पीढ़ियों को हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रति प्रेरित करने में भी सहायक होगी।

निष्कर्ष

धरसींवा विधायक अनुज शर्मा की यह कांवड़ यात्रा छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव को भी मजबूत करता है। सभी क्षेत्रवासियों से अनुरोध है कि वे इस पवित्र यात्रा में शामिल होकर इस पुनीत कार्य का हिस्सा बनें।

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