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ओरमा गांव के शिव मंदिर में तोड़फोड़, ग्रामीणों में उबाल, कठोर कार्रवाई की मांग

बालोद छत्तीसगढ़

बालोद जिले के ओरमा गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में बीती रात अज्ञात असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़ की घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। इस निंदनीय कृत्य से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। मंदिर परिसर में स्थापित शिवलिंग, नंदी देव और अन्य धार्मिक वस्तुओं को क्षतिग्रस्त करने के साथ-साथ पूजा सामग्री को पास के तालाब में फेंक दिया गया। यह घटना ग्राम पंचायत ओरमा के वार्ड क्रमांक एक में तालाब पार क्षेत्र में स्थित मंदिर में हुई, जिसे ग्रामीणों के सहयोग से बनाया गया था।

सुबह जब ग्रामीण पूजा-अर्चना के लिए मंदिर पहुंचे, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। पवित्र शिवलिंग और अन्य धार्मिक वस्तुओं को तोड़ा हुआ देखकर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। देखते ही देखते सैकड़ों लोग मंदिर परिसर में एकत्र हो गए और इस कायराना हरकत के खिलाफ रोष जताया। गांव में तनाव का माहौल है, और ग्रामीण एकजुट होकर इस घटना के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

ग्राम समिति अध्यक्ष का कड़ा रुख

ग्राम समिति अध्यक्ष नेमलाल साहू ने इस घटना को धार्मिक भावनाओं पर हमला बताते हुए कहा, “हमारा मंदिर हमारी आस्था का प्रतीक है। इसे नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। हम पुलिस से मांग करते हैं कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए।”

यह आस्था पर हमला”

ग्राम सचिव प्रीतम कुमार सोनकर ने इस घटना को समाज को बांटने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, “ऐसी हरकतें हमारी एकता को तोड़ने का प्रयास हैं। पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसी हिम्मत न कर सके।”

सीसीटीवी और सतर्कता बढ़ाने का फैसला

गांव के वरिष्ठ नागरिक कमलेश साहू ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा, “हमारे भगवान के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस को तुरंत जांच शुरू कर दोषियों को सजा देनी चाहिए।” वहीं, कोषाध्यक्ष खिलेश्वर कुमार सोनकर ने कहा, “यह केवल मंदिर पर हमला नहीं, बल्कि हमारी आस्था पर प्रहार है। अब गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और ग्राम समिति सतर्कता बढ़ाएगी।”

बालोद जिले के ओरमा गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में बीती रात अज्ञात असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़ की घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। इस निंदनीय कृत्य से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। मंदिर परिसर में स्थापित शिवलिंग, नंदी देव और अन्य धार्मिक वस्तुओं को क्षतिग्रस्त करने के साथ-साथ पूजा सामग्री को पास के तालाब में फेंक दिया गया। यह घटना ग्राम पंचायत ओरमा के वार्ड क्रमांक एक में तालाब पार क्षेत्र में स्थित मंदिर में हुई, जिसे ग्रामीणों के सहयोग से बनाया गया था।

सुबह जब ग्रामीण पूजा-अर्चना के लिए मंदिर पहुंचे, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। पवित्र शिवलिंग और अन्य धार्मिक वस्तुओं को तोड़ा हुआ देखकर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। देखते ही देखते सैकड़ों लोग मंदिर परिसर में एकत्र हो गए और इस कायराना हरकत के खिलाफ रोष जताया। गांव में तनाव का माहौल है, और ग्रामीण एकजुट होकर इस घटना के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

  • ग्राम समिति अध्यक्ष का कड़ा रुख

ग्राम समिति अध्यक्ष नेमलाल साहू ने इस घटना को धार्मिक भावनाओं पर हमला बताते हुए कहा, “हमारा मंदिर हमारी आस्था का प्रतीक है। इसे नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। हम पुलिस से मांग करते हैं कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए।”

यह आस्था पर हमला”

ग्राम सचिव प्रीतम कुमार सोनकर ने इस घटना को समाज को बांटने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, “ऐसी हरकतें हमारी एकता को तोड़ने का प्रयास हैं। पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई ऐसी हिम्मत न कर सके।”

सीसीटीवी और सतर्कता बढ़ाने का फैसला

गांव के वरिष्ठ नागरिक कमलेश साहू ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा, “हमारे भगवान के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस को तुरंत जांच शुरू कर दोषियों को सजा देनी चाहिए।” वहीं, कोषाध्यक्ष खिलेश्वर कुमार सोनकर ने कहा, “यह केवल मंदिर पर हमला नहीं, बल्कि हमारी आस्था पर प्रहार है। अब गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और ग्राम समिति सतर्कता बढ़ाएगी।”

ग्रामीणों की मांग: कठोरतम कार्रवाई

ग्रामीणों ने एक स्वर में मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो। ग्रामीण आज थाने में इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में अशांति फैलाने का काम करती हैं।

तनाव के बीच एकजुटता

फिलहाल, ओरमा गांव में तनाव का माहौल है, लेकिन ग्रामीण पूरी एकजुटता के साथ न्याय की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने न केवल बालोद जिले, बल्कि पूरे क्षेत्र में लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों को जल्द सजा नहीं मिली, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं।

ग्रामीणों की मांग: कठोरतम कार्रवाई

ग्रामीणों ने एक स्वर में मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो। ग्रामीण आज थाने में इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में अशांति फैलाने का काम करती हैं।

तनाव के बीच एकजुटता

फिलहाल, ओरमा गांव में तनाव का माहौल है, लेकिन ग्रामीण पूरी एकजुटता के साथ न्याय की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने न केवल बालोद जिले, बल्कि पूरे क्षेत्र में लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों को जल्द सजा नहीं मिली, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं।

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