बालोद में दर्दनाक हादसा: बकरियों को बचाने दौड़ा चरवाहा, ट्रेन से टकराकर मौत
बालोद, छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम पथराटोला में शनिवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। बकरियों को बचाने की कोशिश में एक चरवाहे की ट्रेन से टकराकर मौके पर ही मौत हो गई। उसकी पत्नी चीख-चीखकर उसे रेलवे ट्रैक से हटने की गुहार लगाती रही, लेकिन वह अपनी बकरियों को बचाने में जान गंवा बैठा।
हादसे का विवरण
पुलिस के अनुसार, यह घटना दल्लीराजहरा थाना क्षेत्र के ग्राम पथराटोला में शनिवार शाम करीब 4 बजे हुई। मृतक चरवाहा अनूप कुमार हरेंद्र (53) अपनी पत्नी झमिक बाई के साथ जंगल की ओर बकरियां चराने गया था। इस दौरान दोनों रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे, और उनकी कुछ बकरियां ट्रैक पर चढ़ गईं। तभी सामने से तेज रफ्तार ट्रेन आती दिखी, जिससे बकरियां बेकाबू हो गईं।
अनूप ने बकरियों को बचाने के लिए ट्रैक पर दौड़ लगाई। उनकी पत्नी झमिक बाई बार-बार चिल्लाकर उन्हें पटरी से हटने को कह रही थी, लेकिन अनूप ने उनकी बात नहीं सुनी। इसी दौरान ट्रेन ने अनूप को चपेट में ले लिया, और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पत्नी की आंखों के सामने टूटा साथ
हादसे के बाद झमिक बाई की चीख-पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। झमिक अपने पति के सिर को गोद में लेकर उन्हें उठाने की कोशिश करती रही, लेकिन वह कुछ नहीं कर सकी। यह दृश्य देखकर मौके पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं।
पुलिस की कार्रवाई
सूचना मिलने पर दल्लीराजहरा पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी रविशंकर पांडेय ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है। अनूप का अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम पथराटोला में कर दिया गया। पुलिस ने मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है।
ग्रामीणों में शोक की लहर
इस दुखद घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। ग्रामीणों का कहना है कि अनूप एक मेहनती और जिम्मेदार व्यक्ति थे, जो अपनी बकरियों को परिवार का हिस्सा मानते थे। उनकी मौत ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है।