कन्नेवाड़ा में नेशनल हाईवे पर चक्काजाम: 16 किसानों पर केस दर्ज, कांग्रेस ने लगाया किसान दमन का आरोप
Balod Chhattisgarh

बालोद: नेशनल हाईवे 930 पर ग्राम कन्नेवाड़ा के करहीभदर तिराहा पर बिना अनुमति चक्काजाम करने के मामले में 16 किसानों के खिलाफ बालोद थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 191, 192 और 285 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह घटना बुधवार, 16 जुलाई को सुबह 10 बजे हुई, जब किसानों ने खाद की कमी का आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर दी।
पुलिस और प्रबंधक का बयान
करहीभदर सेवा सहकारी समिति के प्रभारी प्रबंधक लोकनाथ साहू ने बताया कि 16 जुलाई को सुबह 10 बजे वे किसानों को खाद वितरण करने गए थे। उस समय 9.67 टन यूरिया, 2.40 टन सुपर, 20.90 टन सुपर पावडर, 8.20 टन पोटाश और 20 टन डीएपी का मिलान कर वितरण की तैयारी थी। इसी दौरान कुछ किसानों और ग्रामीणों ने खाद की कमी का हवाला देकर एनएच 930 पर चक्काजाम कर दिया।
साहू ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की कि खाद उपलब्ध है और वे सोसायटी से इसे ले सकते हैं, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं मानी। चक्काजाम के कारण सुबह 10:45 से दोपहर 12 बजे तक, यानी लगभग सवा घंटे तक आवागमन बाधित रहा। हालांकि, एएसपी मोनिका ठाकुर ने दावा किया कि चक्काजाम केवल 15 मिनट तक ही चला। पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों की समझाइश के बाद प्रदर्शनकारी सड़क से हटे।
इन किसानों पर दर्ज हुआ मामला
पुलिस के अनुसार, चक्काजाम में शामिल लोगों में लोकेश डड़सेना, डायमण्ड उर्फ डानू, संतोष कुमार, भारत सिन्हा, जस्सु उर्फ जसवंत, तुलाराम सिन्हा, किशोर हल्बा, पूरन यादव, मुन्ना साहू, कार्तिक सिन्हा, शंकर साहू, महेश्वर साहू, खिल्लू ठाकुर और अन्य ग्रामीण शामिल थे।
कांग्रेस का आरोप: सरकार कर रही किसान दमन
इस मामले पर शुक्रवार शाम 4 बजे कांग्रेस के जिला अध्यक्ष चंद्रेश हिरवानी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार पूंजीपतियों की हितैषी है और किसानों की समस्याओं से उसका कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को डराने और उनके प्रदर्शनों को दबाने के लिए उन पर अपराध दर्ज किए जा रहे हैं। हिरवानी ने कहा कि सरकार का यह रवैया किसान विरोधी है और जिले में किसानों को उनके हक के लिए आवाज उठाने से रोका जा रहा है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। चक्काजाम से हुए व्यवधान और स्थानीय लोगों को हुई असुविधा को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है। दूसरी ओर, किसानों का कहना है कि खाद की कमी के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर किसानों और प्रशासन के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
(खबर को और विस्तार से जानने के लिए स्थानीय प्रशासन और संबंधित पक्षों से संपर्क कर रहे है)