
06 अगस्त 2025: छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ की प्रांतस्तरीय बैठक राजधानी रायपुर के गुरु घासीदास प्लाजा में प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अमित मिरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेशभर से सभी जिलाध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष और नेतृत्वकर्ता प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। लगभग 6 घंटे तक चली इस मैराथन बैठक में आगामी रणनीति पर गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि 15 अगस्त 2025 तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती, तो 18 अगस्त 2025 से प्रदेश के 16,000 से अधिक एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार और कलमबंद हड़ताल पर चले जाएंगे।
आपातकालीन सेवाएं भी रहेंगी बंद
संघ ने इस बार आपातकालीन सेवाओं को भी पूरी तरह बंद रखने का कठोर निर्णय लिया है। इस संबंध में शासन को पहले ही सूचना दी जा चुकी है। प्रदेश महासचिव कौशलेश तिवारी, डॉ. रविशंकर दीक्षित, पूरन दास, और प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि यह निर्णय कर्मचारियों की लंबे समय से अनसुनी मांगों के कारण लिया गया है।
एनएचएम कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के समक्ष निम्नलिखित बिंदु रखे हैं:
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संविलियन/स्थायीकरण: कर्मचारियों का नियमितीकरण।
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पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना: स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए।
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ग्रेड पे का निर्धारण: वेतन संरचना में स्पष्टता।
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कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता: निष्पक्ष मूल्यांकन व्यवस्था।
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लंबित 27% वेतन वृद्धि: कर्मचारियों का बकाया वेतन।
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नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण: एनएचएम कर्मचारियों के लिए अवसर।
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अनुकंपा नियुक्ति: मृत कर्मचारियों के परिजनों के लिए।
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मेडिकल एवं अन्य अवकाश: कर्मचारियों के लिए मूलभूत सुविधाएं।
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स्थानांतरण नीति: व्यवस्थित स्थानांतरण प्रक्रिया।
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10 लाख कैशलेस चिकित्सा बीमा: कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए।
20 वर्षों की सेवा, फिर भी उपेक्षा
एनएचएम कर्मचारी पिछले 20 वर्षों से छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचलों से लेकर प्रमुख शासकीय संस्थानों तक स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बने हुए हैं। कोविड-19 महामारी जैसे संकटों में उनकी भूमिका अतुलनीय रही। इसके बावजूद, उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है, जबकि अन्य राज्यों में एनएचएम कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं।
राजनीतिक समर्थन और वादों की अनदेखी
प्रदेश प्रवक्ता पूरन दास ने बताया कि मौजूदा सरकार के कई वरिष्ठ नेताओं, जैसे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, विजय शर्मा, और केदार कश्यप ने पूर्व में एनएचएम कर्मचारियों के मंचों पर समर्थन का वादा किया था। छत्तीसगढ़ में भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र “मोदी की गारंटी” में भी नियमितीकरण का वादा किया गया था। फिर भी, पिछले डेढ़ साल में 155 से अधिक ज्ञापन और आवेदन देने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला।
चेतावनी: स्वास्थ्य सेवाएं हो सकती हैं ठप
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार तत्काल संवाद स्थापित कर मांगों पर निर्णय नहीं लेती, तो 18 अगस्त से शुरू होने वाली हड़ताल के कारण छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। इसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी। कर्मचारी अब आंदोलन के लिए बाध्य हैं और सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।