
जिला न्यायालय बालोद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवं विशेष पॉक्सो न्यायालय (FTSC) के न्यायाधीश कृष्ण सूर्यवंशी ने नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले में आरोपी यशवंत कुमार भुआर्य उर्फ अश्वन (24 वर्ष) को दोषी पाते हुए 20 साल के सश्रम कारावास और 2 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
शनिवार सुबह 10 बजे —-
विशेष लोक अभियोजक बसंत देशमुख ने बताया कि यह मामला 8 जनवरी 2024 को दर्ज हुआ था। पीड़िता की मां ने थाने में रिपोर्ट दी थी कि 31 दिसंबर 2023 की रात उसने अपनी अबोध बेटी को कमरे की खाट पर सुला दिया था। उसी दौरान आरोपी उनके घर में घुस आया और बच्ची को उठाने लगा। प्रार्थिया और उनके जेठ ने मना किया कि बच्ची सो रही है, लेकिन आरोपी नहीं माना।
कुछ देर बाद जब मां बैलों को पैरा डालने गली की ओर गई तो बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। दौड़कर देखा तो आरोपी बच्ची को लेकर बाड़ी से लगे जंगल की ओर भाग गया था। जहां मासूम के साथ अनैतिक कृत्य किया गया।
मामले की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया और पीड़िता का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया।
मामले में ठोस सबूत मिलने पर कोर्ट ने आरोपी को धारा 4(2) पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी मानते हुए 20 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।