
जिला न्यायालय बालोद ने एक मरीज के साथ अश्लील हरकत करने के मामले में आरोपी डॉक्टर को दोषी ठहराते हुए कठोर सजा सुनाई है। प्रधान विशेष सत्र न्यायाधीश एसएल नवरत्न ने गुरुर निवासी डॉ. ओंकार महमल्ला (36 वर्ष) को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 2,000 रुपये जुर्माने की सजा दी। साथ ही, अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(वी) के तहत आजीवन कारावास और अतिरिक्त 2,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
विशेष लोक अभियोजक (एट्रोसिटी) पुष्पदेव साहू ने बताया कि पीड़िता ने जून 2021 में अजाक थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, पीड़िता रात करीब 9 बजे इलाज के लिए डॉ. ओंकार महमल्ला के क्लीनिक पहुंची थी। चेकअप के बहाने डॉक्टर ने उसके साथ अश्लील हरकत की और विरोध करने पर मुंह में रूमाल ठूंसकर जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर धारा 376, 506(बी), और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया और जेल भेजा। जांच पूरी होने के बाद चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई। अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को पर्याप्त मानते हुए कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया और यह कड़ा फैसला सुनाया।
यह मामला समाज में चिकित्सकों के दुरुपयोग और महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर कठोर कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
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