छत्तीसगढ़राज्य

IIM रायपुर में जननेता अनुज शर्मा देंगे प्रेरणादायक व्याख्यान

रायपुर

“ज्ञान-वर्षा सीरीज” में मुख्य वक्ता के रूप में करेंगे शिरकत

रायपुर, 31 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय जनप्रतिनिधि, बहुप्रशंसित अभिनेता और सामाजिक चेतना के प्रखर हस्ताक्षर धरसीवां विधायक श्री अनुज शर्मा को भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर (IIM Raipur) ने अपनी प्रतिष्ठित ज्ञान-वर्षा सीरीज में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया है। यह प्रेरणादायक संगोष्ठी 2 अगस्त 2025, शनिवार को सायं 3:00 बजे से 4:00 बजे तक IIM रायपुर परिसर में आयोजित होगी।

ज्ञान-वर्षा सीरीज: प्रेरणा और नेतृत्व का मंच

IIM रायपुर की ज्ञान-वर्षा सीरीज एक विशिष्ट मासिक व्याख्यान श्रृंखला है, जो प्रशासन, नेतृत्व, जनसेवा और सामाजिक सरोकारों से जुड़े प्रभावशाली व्यक्तित्वों को एक मंच प्रदान करती है। यह पहल युवाओं को प्रेरित करने, विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और नेतृत्व के नए आयामों को स्थापित करने का अवसर देती है।

अनुज शर्मा का व्याख्यान: जनसरोकार, नेतृत्व और सांस्कृतिक चेतना

इस आयोजन में श्री अनुज शर्मा “जनसरोकार, नेतृत्व और सांस्कृतिक चेतना” विषय पर अपने विचार साझा करेंगे। एक जनप्रतिनिधि के रूप में उनकी संवेदनशीलता, एक अभिनेता के रूप में उनकी रचनात्मकता और एक जनसेवक के रूप में उनका समृद्ध अनुभव इस संगोष्ठी को अविस्मरणीय बनाएगा। उनके विचार निश्चित रूप से युवाओं में सामाजिक उत्तरदायित्व और नेतृत्व की भावना को प्रज्वलित करेंगे।

आयोजन में शामिल होंगे विशिष्ट अतिथि

इस कार्यक्रम में IIM रायपुर के छात्र, प्राध्यापक, संस्थान के अधिकारी और आमंत्रित विशिष्टजन भाग लेंगे। यह आयोजन न केवल बौद्धिक चर्चा का केंद्र होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को राष्ट्रीय मंच पर उजागर करने का अवसर भी प्रदान करेगा।

अनुज शर्मा का उत्साह

इस अवसर पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए श्री अनुज शर्मा ने कहा:

“IIM रायपुर जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान में युवाओं से संवाद का अवसर पाना मेरे लिए गर्व का विषय है। ज्ञान-वर्षा में भागीदारी के लिए मैं उत्साहित हूं। यह मंच सिर्फ विचारों का आदान-प्रदान नहीं, बल्कि नेतृत्व की नई दृष्टि गढ़ने का भी माध्यम है।”

छत्तीसगढ़ की बौद्धिक और सांस्कृतिक परंपरा को मिलेगा बढ़ावा

श्री अनुज शर्मा की यह भागीदारी न केवल छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और बौद्धिक परंपरा को राष्ट्रीय पटल पर और सशक्त करेगी, बल्कि युवाओं में सामाजिक उत्तरदायित्व, नेतृत्व और मूल्यों के प्रति एक नई चेतना का संचार भी करेगी।

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