डौंडी गौठान कांड: 300 से अधिक गौवंश गायब, गौतस्करी या साजिश? विहिप ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
डौंडी बालोद (छत्तीसगढ़)

छत्तीसगढ़ के डौंडी में सरकारी गौठान से 300 से अधिक गौवंश के रहस्यमय ढंग से गायब होने की सनसनीखेज घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी न तो गायब मवेशियों का कोई अता-पता है और न ही प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया है। इस घटना ने गौतस्करी की आशंका को जन्म दिया है, जिससे स्थानीय लोग और हिंदू संगठन आक्रोशित हैं।
विहिप का गंभीर आरोप
गौतस्करी या प्रशासन की मिलीभगत? विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के जिला उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत में सनसनीखेज आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “यह कोई साधारण चोरी नहीं, बल्कि सुनियोजित गौतस्करी का मामला प्रतीत होता है। प्रशासन की लापरवाही और संदिग्ध चुप्पी इस मामले को और रहस्यमय बना रही है।” अग्रवाल ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उच्चस्तरीय जांच शुरू नहीं हुई और दोषियों को सजा नहीं दी गई, तो हिंदू समाज सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगा
“यह पहली बार नहीं, पहले भी हो चुकी है लापरवाही”
डौंडी के सामाजिक कार्यकर्ता गोरेलाल सोनी ने खुलासा किया कि यह कोई नई घटना नहीं है। उन्होंने बताया, “पहले भी गौठानों से गाय-बैल गायब हुए हैं, लेकिन प्रशासन ने हर बार मामले को दबाने की कोशिश की। इस बार हमने डौंडी टीआई और दल्लीराजहरा सीएसपी को लिखित शिकायत सौंपी है। अगर इस बार भी कार्रवाई नहीं हुई, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। उग्र आंदोलन हमारी मजबूरी होगी।”
लोगों में आक्रोश, गौठानों की सुरक्षा पर सवाल स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गुस्सा फूट रहा है। गौठान, जो गायों की सुरक्षा और देखभाल के लिए बनाए गए थे, अब सवालों के घेरे में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में मवेशियों का गायब होना बिना किसी बड़ी साजिश के संभव नहीं है।
क्या यह गौतस्करी का नया नेटवर्क है? या फिर प्रशासन की नाकामी? ये सवाल हर किसी के जहन में हैं। प्रशासन की चुप्पी, बढ़ता तनाव
आश्चर्यजनक रूप से, प्रशासन की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। गौठानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं, और लोगों का भरोसा डगमगा रहा है। हिंदू संगठनों ने साफ कर दिया है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे।
क्या है आगे का रास्ता? यह घटना न केवल डौंडी, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में गौठानों की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल खड़े कर रही है। क्या गायब गौवंश का सुराग मिलेगा? क्या दोषियों को पकड़ा जाएगा? या यह मामला भी पुराने मामलों की तरह दब जाएगा? इन सवालों के जवाब के लिए सभी की निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
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