
रायपुर, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई कथित शराब घोटाले, कोयला घोटाले, और महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत की गई। चैतन्य को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 22 जुलाई तक 5 दिन की ED रिमांड पर भेज दिया गया।
ED को मिले सबूत
ED ने दावा किया कि चैतन्य बघेल के खिलाफ सबूत 10 मार्च 2025 को भिलाई, रायपुर, और बस्तर में की गई छापेमारी और 15 जुलाई 2025 को एक होटल कारोबारी के ठिकाने पर हुई छापेमारी से मिले। इन छापेमारियों में दस्तावेज, पेन ड्राइव, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए। ED के अनुसार, कारोबारी पप्पू बंसल और दीपेन चावड़ा के बयानों से पता चला कि चैतन्य को हवाला कारोबारियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का पैसा पहुंचाया गया। ED के वकील सौरभ पांडे ने अदालत में बताया कि चैतन्य ने ₹1000 करोड़ के अपराध की आय को संभाला और ₹13 करोड़ के लाभार्थी रहे।
शराब घोटाले का आरोप
ED का कहना है कि 2019 से 2022 के बीच भूपेश बघेल की सरकार के दौरान एक समानांतर आबकारी नेटवर्क चलाया गया, जिसमें नकली होलोग्राम और हेरफेर किए गए विदेशी शराब लाइसेंस (FL-10A) का उपयोग कर शराब की अवैध बिक्री की गई। इससे राज्य के खजाने को ₹2161 करोड़ का नुकसान हुआ। ED ने अब तक इस मामले में ₹205 करोड़ की संपत्ति जब्त की है।
महादेव ऐप और कोयला घोटाले से कथित संबंध
चैतन्य बघेल पर महादेव बेटिंग ऐप और कोयला घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप हैं। ED को एक होटल कारोबारी से पूछताछ के दौरान चैतन्य के महादेव ऐप से कथित लिंक की जानकारी मिली। यह कारोबारी महादेव ऐप के खजांची की शादी में राजस्थान में शामिल हुआ था। हालांकि, ED ने अभी तक महादेव ऐप से चैतन्य के संबंध की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
भूपेश बघेल का जवाब
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया। उन्होंने अपने X हैंडल पर लिखा, “आज विधानसभा सत्र का आखिरी दिन था। रायगढ़ के तमनार में अडानी के लिए पेड़ कटाई का मुद्दा उठाने वाला था। साहेब ने ED को भिलाई निवास पर भेज दिया।” कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ED के रायपुर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने विधानसभा से वॉकआउट किया।
चैतन्य बघेल का बैकग्राउंड
चैतन्य बघेल, भूपेश बघेल के इकलौते बेटे, ने रायपुर के महर्षि विद्या मंदिर से स्कूली शिक्षा और भिलाई के शंकराचार्य विश्वविद्यालय से बीकॉम व भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एमबीए किया। वह रियल एस्टेट कारोबारी हैं और भिलाई में विट्ठलपुरम और विट्ठलग्रीन्स जैसी रिहायशी टाउनशिप विकसित कर चुके हैं। हालांकि, वह कांग्रेस के सामान्य सदस्य हैं, लेकिन संगठन में कोई औपचारिक पद नहीं संभालते। 2023 में उनकी शादी रायपुर में हुई थी, जिसमें कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शामिल हुए थे।
पहले भी विवादों में
2023 में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चैतन्य पर “सुपर सीएम” की तरह व्यवहार करने और राज्य के संसाधनों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। जुलाई 2024 में खूबचंद बघेल पीजी कॉलेज के प्रोफेसर पर हमले के मामले में भी चैतन्य से पूछताछ हुई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
ED की आगे की जांच
ED ने इस मामले में अब तक 70 लोगों और कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिसमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड शामिल हैं। जांच में सामने आए दस्तावेजों और बयानों के आधार पर ED का दावा है कि अवैध शराब बिक्री से होने वाली आय को “राज्य के शीर्ष राजनीतिक नेताओं के निर्देश” पर बांटा गया। इस मामले में जांच का दायरा बढ़ने की संभावना है।